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स्वर्गीय धुनें

मूवी | सूरह शम्स से "महमूद शह्हात" का श्रव्य पाठ

IQNA-नीचे, आप मिस्र के एक प्रतिष्ठित क़ारी महमूद शह्हात अनवर द्वारा सूरह शम्स के श्रव्य पाठ का एक अंश सुनेंगे।

وَالشَّمْسِ وَضُحَاهَا﴿1﴾

सूर्य की क़सम और उसकी चमक की।

وَالْقَمَرِ إِذَا تَلَاهَا ﴿2﴾

चाँद की क़सम जब वह सूरज के पीछे चलता है।

وَالنَّهَارِ إِذَا جَلَّاهَا﴿3﴾

दिन की क़सम जब वह [पृथ्वी] को रोशन करेगा

وَاللَّيْلِ إِذَا يَغْشَاهَا ﴿4﴾

रात की क़सम जब इसे ढकती है।

وَالسَّمَاءِ وَمَا بَنَاهَا﴿5﴾

क़सम है आसमान की और उसको उठानेवाले की,

सूरा शम्स

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